बंद दरवाजा
मै अशोक फ्लेट नंबर H-16 में रहता हूँ मेरी कहानी
ललिता पर आधारित एक घरेलू हिंसा जो आज भी
कही कही होती है लोक लाज और घर की मन मर्याद सम्मन के लिए कहती है बस बंद दरवाजे के
पीछे सारे दुःख सहती है ।
यह कहानी एक और की है जो अपने परिवार में काफी खुश थी फिर कुछ टाइम के बाद कुछ ऐसा
हुवा जो वो सपने में भी सोच नहीं सकती थी ।
पत्नी.➡️ललिता शर्मा
पति.➡️ विकाश शर्मा
उसका पति एक बड़े कपड़े मिल का मालिक था
और पत्नी एक छोटे से गाँव की गरीब मध्यम
परिवार से ताल्लुक रखती थी उसके पापा छोटे
किसान थे पर ललिता सुन्दर होने के कारण
विकास को कही दिख़ि और पसन्द आ गई..
तो उनकी शादी हो गई । वो अपने परिवार
के साथ रहने लगे फिर आपसी घर के झगड़ो
के नाम से विकास ने अपनी पैतृक निवास भूमि
छोड़ कर अलग जगह बस गए।
एक दिन उसके मिल में आग लग जाती है और
यही से विकास जो उसका पति है टेंसन में पीना
स्टार्स कर देता है ।और डिप्रेशन में चला जाता है
सदमे और शराब पीने की वजह से ।
वो अब ललिता को खूब खरी खोटी सुनाता
मरता पिटता यह सब बंद कमरे में होता था पर
आवाज मेरे रूम तक आती थी।
अच्छा आप सभी को ये बताना भुला गया वो
मेरे सामने वाले फ्लेट G-15 में रहते थे।
ये सब ललिता ने मुझे एक दिन बताया जब वो ज्यादा दुखी थी। परेशान थी और नशे में मर पीट
कर वो विकाश कही चला गया था ।
तब उसने मुझे देखा और मदद मांगी
वो झगड़ा कर के कही चले गए है ।
पर उसने कभी अपने पति को छोड़ने के बारे में कभी नहीं सोचा तब उसने अपनी पूरी कहानी
बताई ।
विकास पहले ऐसे बिल्कुल भी नहीं थे वो
वो मेरे से भहुत प्यार करते थे ।अच्छे घर
से है मै गरीब घर की हूं ,फिर भी मुझी से
शादी करनी चाही मेरे पिता राजी हो गए
हमारी शादी हुई हम खुश थे घर के झगड़ो
के करना हम यहाँ आये और उनके कपड़े
की मिल में आग लग गई फिर पीना और
मुझे खरी खोटी सुनाने और मारने लग गए
मै अशोक मुझे समझ नहीं आ रहा था उससे क्या कहूँ फिर मैंने कहा आप उन्हें छोड़कर अलग रहो
अपने पापा के घर चली जावो तब उसने कहा।
ललिता➡️
नहीं मै उनसे बहुत प्यार करती हूँ और मै ये सब
आज तक किसी से नहीं कही हूं पर पता नहीं
आज कैसे सब निकल गया ।
अशोक➡️
कोई बात नहीं मै सब समझता हूँ तुम अंदर आओ
मै पहले इस सिचिवेशन से गुजर चुका हूँ । तुम मेरी
पत्नी से बात करो वो बताएगी। और चाय पीते पीटे
बात हुई ।
ललिता➡️
उनसे कहा आप चलोगे उनको ढूढने ठीक है चलते है। तुम चिंता मत करो वो जब नशा उतरेगा तो खुद घर आ जायेंगे।
तब मेरी पत्नी रश्मि ➡️
ललिता सुन सब के लाइफ में उतार चढ़ाव आते है
पर तुम्हे इतना सहने की जरूरत नहीं है तुम चाहो
तो कानून का सहारा ले सकती हो ।
ललिता➡️
नहीं बहन घर की इज्जत दांव पे नहीं लगाई एक
तो घर छोड़ फिर यहाँ ये सब हुवा वो मुझे कभी
माफ़ नहीं करेंगे और उनके घर वाले क्या कहेंगे
सब ठीक हो जायेगा कुछ दिनों में ।
रश्मि➡️
उन्हें नशा मुक्ति केंद्र में भेज दो शराब छूट जायेगी
तो सब ठीक हो जायेगा।
ललिता➡️
मै ज्यादा पढ़ी लिखी नहीं हूँ मुझे ये सब समझ नहीं
आता ।
रश्मि➡️
वही जहा शराबी लोगो को ठीक किया जाता है।
ललिता➡️
पर बहन वो मेरी बात कहा सुनेंगे ।
रश्मि ➡️
उनके भाई और उनके घर वालों को सब बता दो
ललिता➡️
नहीं फिर तो वो मुझे मार ही डालेंगे।
अशोक➡️
मै सब उनकी बाटे सुन रहा था तभी मैने कहा
हा आप ऐसा ही करो लावो नॉबर बतावो घर
वालों का मै फोन कर देता हूँ।
फिर मैने सारी बात बताई उनके भाई और उनकी
पत्नी और उनकी माँ को और रात काफी हो गया था जिससे मैने कहा मै जा रहा हूँ ढूढ़ने आप के पति को आप रश्मि के साथ रहों।
वो नहीं मिले फिर अगले दिन उसकी विकास की पूरी फैमली आ गई ललिता मेरे घर पर थी।
उनका पति विकास नशा उतरा तो घर आया
और दरवाजा बंद था ताला लगा था। जिसे देखकर
वो तो टेंसन में आ गया और मै अशोक सब देख रहा था खिड़की से सोचने लगा इस को आगे बढ़ाया
जाये।
और मै उनके घर वालों को कहा आप शांत रहना
और उनकी पत्नी ललिता को भी बोला आप भी बहन शांत रहना। और रश्मि को कहा इनको बेडरूम के बाजू वाले कमरे स्टोर में रहने भेज दो.
फिर मै दरवाजा खोला बोला क्या सर आप भी
बहन तो घर छोड़कर रात को ही चली गई।
ये चिट्ठी और घर की जाबी दे गई है।
विकास➡️ पर उसे तो लिखना पढ़ना नहीं आता
अच्छे से हा वो बोली मै लिखा हूं अपना नाम बस
लिख पाई।
अशोक ➡️ तुम उसे बंद दरवाजे के पीछे जो भी करो हमे आप से लाइफ और आप के घर से क्या
करना पर जो गलत है वो तो गलत है न ।
विकास➡️ क्या मतलब है आप के कहने का
अशोक➡️ मतलब तो आप खूब समझ रहे हो एक
छोटी घर की लड़की कम पढ़ी लिखी को इतना कष्ट पीड़ा दुःख दे रहे हो भगवान सब देख रहा है ।वो चाहती तो आप की कम्पेलन भी कर सकती थी मेने
बहन ललिता से कहा और मेरी वाईफ रश्मि ने भी समझाया पर उसने मना कर दिया ।
फिर मेने अपनी पत्नी को आवाज लगाई वो आई और मैने कहा पडोसी विकास सर ललिता के पति
आये है चाय बना दो। और घर में आने को कहा।
विकास➡️अंदर आकर क्या करुगा मेरी तो दुनिया
ही उजड़ गई।
अशोक ➡️ पानी चाय पी लो बैठ कर पढ़ो तो क्या
लिखा है।
विकास➡️ लिखते समय सर मेरी आँखें भर आई
तभी मेरी वाईफ ने भी चाय लेकर आ गई वो भी
बैठी हमारे साथ।
लेटर ललिता का..
प्रिय पतिदेव
मै जब से आई हूँ आप के जिंदगी में
सब गलत ही हो रहा है..आप के घर
से अलग हुई मेरा दोष था,आप के
मिल में आग लगी मेरा दोष था,हमारा
बच्चा नहीं है मेरा दोष था, सब कुछ
मेरे कारण हो रहा है। इस लिए मै घर
छोड़कर जा रही हूँ,कहाँ जा रही हूं ये
नहीं पता पर अब आप खुश रहना
और कभी मेरे से मोहब्बत की हो तो
आप शराब को छूना मत छोड़ देना ।
और कोई नया काम स्टार्ट कर लेना
और कोई पढ़ी लिखी बड़ी घर की
लड़की से शादी कर लेना ।
मै रोज आप के मार को सह रही थी पर आज रात जो आप ने कहा वो सह नहीं पाई आप ने कहा सब
मेरे कारण हो रहा है मनहूस कही की चली जा मेरे
घर से और मुझे निकालने लगे फिर आप ने कहा तुम जाती हो या मै चला जाऊ ऐसा बोल कर आप
चले गए ।ये आप का घर है आप रहो मुझे लगा आप नशे में बोल रहे हो और लौट का आ जावोगे
पर पूरी रात आप नहीं आये और सुबह 7 बजे तक देखा नहीं आये तो मै घर छोड़कर जा रही हूँ।
ये घर की चाबी और ये मंगलसूत्र ।
विकास➡️ ये तूने क्या करा दिया विकास खूद ही खुद को बोल रहा था ।
सारी गलती मेरी है और मैने तेरे साथ ये क्या कर दिया । और आज भी तू मेरे बारे में ही सोच रही है
तुम इतनी अच्छी कैसे हो बोल कर रोने लगा
अशोक ➡️ जो हो गया सो हो गया अब रोने से क्या मिलेगा अपनी गलती सुधारो नशा शराब का
छोड़ो काम और मोहब्बत का नशा करो विकास
भाई।
विकास ➡️ उसने कभी भी कुछ भी मेरी फैमली
वालो को नहीं बताया। की मै उसे मरता पिटता हूं
गाली देता हूँ ताने मरता हूँ।
रश्मि ➡️ अरे भाई ये सब घर की बात है बर्तन
हो और आवाज न करे ऐसा होगा क्या सब घर में झगड़े होते है ,कोई नहीं बात नहीं है।
हा पर आप जैसा झगड़ा नहीं होता होते
है और मिल जाते है जैसे मै और मेरे पति अशोक
होते है पर मिल जाते है हाथ नहीं उठाते मुझ से
जितना बोल सके बोल देते है कभी गुस्सा हो तो
बात अलग है उठा देते है हाथ।
विकास➡️ आज के बाद क्या अभी से नहीं पीना
अब शराब।
अशोक ➡️ आप सब से पहले अपने घर वालों को बतावो ये सारी बात और आप के ससुर जी को भी
विकास➡️ सबसे पहले अपने ससुर जी को कॉल
किया कहा प्राणाम पापा केसा है सब ठीक फिर
उसने कहाँ एक बात थी जो आप से कहना था ।
और सारी बात बता दी ।और कहा ललिता वहा
आई है क्या ललिता के पिता ने कहा नहीं और ये
सब बात तो मुझे ललिता ने नहीं बताई।
विकास➡️ फिर रोने लगा।
सब बंद कमरे में जो हुवा वो आज दरवाजे खुल
चुके थे ,समझ आ गई थी विकास को ।
फिर उसने अपने घर कॉल कर ही रहा था ...
अशोक➡️तभी मैने कहाँ रखो फोन काँटो..
विकास➡️ क्यू सब उनको भी बता देता हूँ
अशोक➡️उसकी जरूरत नहीं है...
विकास➡️क्यू..
अशोक➡️वो सब सुन रहे है...
फिर मैंने उनके घर वालो को आने को कहाँ
वो लिपटकर रोने लगा माँ भाई गलती हो गई
जो घर छोड़ मेरी गलती थी ज्यादा कमाने के
चक्कर में सब बर्बाद हो गया।माँ ललिता की
कोई गलती नहीं थी सब मेरे कारण हुवा है ।
मै ही उसे ढूढ़कर लाऊँगा, उसे मनाऊँगा कहाँ
चली गई है।ललिता आ जा कर के रोने लगा
तभी ललिता से रहा नहीं गया ओर दौड़कर
विकास के गले लिपट गई ओर रोने लगी दोनों
बहुत देर तक रोते रोते खूब किस कर रहे थे
इतना प्यार था दोनों के बीच की उन्हे समझ नहीं
आ रहा था वो हमारे घर में है और उनके साथ
पूरी फैमली है पर हम में से कोई कुछ नहीं कहा
जान रहे थे ।
तो बंद दरवाजे के पीछे सब सहना नहीं बस बात करो बात करने से सब समस्या का हल निकल
जाता है।
इस तरह मै अशोक दोनों को एक किया वो अब
अपने घर वालो के साथ एक जॉइन्ट फैमली में रहते है । उसने अब अपने भाई के साथ काम करने लगा
पीना बिल्कुल छोड़ दिया ।
वो अब हमारे घर का एक हिस्सा बन गए है।
🙏🙏🙏🙏✍️
•••The end•••
©® प्रेमयाद कुमार नवीन
madhura
23-Jul-2023 09:55 AM
Awesome story
Reply
Babita patel
07-Jul-2023 11:43 AM
Fantastic story
Reply
Seema Priyadarshini sahay
08-Dec-2021 12:49 AM
बढ़िया लिखा आपने।सीखने योग्य।
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